एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भारत के सबसे प्रसिद्ध और सुंदर क्रिकेट स्टेडियम मे से एक है. यह भारत के बेंगलुरू, कर्नाटक स्थित एक अंतराष्ट्रिय क्रिकेट स्टेडियम है जिसकी क्षमता लगभग 40 हजार दर्शकों के आस पास है. यहां पर बीसीसीआई के सभी अनुबंधित खिलाड़ी फिटनेस टेस्ट देने, इंजरी होने पर रिकवरी करने समेत कई सारे कार्यों के लिए आते है. यह भारत के स्थित सबसे उंदा सुविधाओं वाला स्टेडियम है. आपने इसका सबसे ज्यादा नाम आईपीएल टीम आरसीबी के घर के रूप में सुना होगा.
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरू में साल 1969 में स्थापित हुआ. एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भारत के सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियम मे से भी एक है. यह अपने बेहतरीन सुविधाओं और वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रकचर के लिए जाना जाता है.
नाम | एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु |
स्थान | बेंगलुरू, कर्नाटक |
स्थापना | 1969 में |
दर्शकों को बैठने की क्षमता | अनुमानित 40,000 दर्शक |
पहला T20 मैच | 25 दिसंबर 2012 |
पहला वनडे मैच | 12 सितंबर 1982 |
पहला टेस्ट मैच | 22 – 26 नवंबर 1974 |
पवेलियन | BEML छोर और पवेलियन छोर |
होम टीम | कर्नाटक क्रिकेट, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, टीम इंडिया |
मालिक | कर्नाटक क्रिकेट संघ |
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पिच रिपोर्ट
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच एक बल्लेबाजों को पसंद आने वाली पिच है. इस पिच पर बल्लेबाजों को खूब मदद मिलता है. बॉल बल्ले पर आसानी से आती है, और बाउंड्री छोटी होने के कारण मिसहीट होने पर भी बॉल छक्के के लिए चली जाती है.
आईपीएस के दौरान हमने इस पिच पर खूब रन बनते देखे है. एम चिन्नास्वामी मे स्पिनर्स को भी अच्छी मदद मिलती है. इस पिच पर दूसरी पारी मे तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलती है. यहाँ पहले गेंदबाजी करना ज्यादा मददगार होता है. इससे बाद में स्कोर का पीछा करना आसान हो जाता है.
पिच की विशेषताएँ
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच आमतौर पर सपाट और बल्लेबाजी के लिए बेस्ट मानी जाती है. इस पिच पर न कोई खास सीम मूवमेंट होती है और न ही कोई घास देखने को मिलती है.
- सफेद बॉल के वाले क्रिकेट में बैटर को बड़े शॉट लगाने की पूरी आज़ादी मिलती है. छोटी बाउंड्री और तेज़ आउटफील्ड बल्लेबाजों के लिए स्कोरिंग आसान बनाते हैं.
- तेज गेंदबाजों को शुरुआती ओवरों में कुछ स्विंग मिल सकती है, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच बल्लेबाजों के अनुकूल हो जाती है. स्पिनर्स को यहां बहुत अधिक टर्न नहीं मिलता, लेकिन अगर वे सही लेंथ पर गेंदबाजी करें, तो प्रभावी हो सकते हैं.
फॉर्मेट के अनुसार पिच का व्यवहार
टेस्ट मैचों में:
- पहले दो दिनों में बल्लेबाजों के लिए मददगार होती है.
- तीसरे और चौथे दिन पिच पर दरारें बनने लगती हैं, जिससे स्पिनर्स को मदद मिलती है.
- चौथी पारी में बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण हो जाती है.
वनडे मैचों में:
- शुरुआत में तेज़ गेंदबाजों को हल्की स्विंग मिल सकती है.
- मध्य ओवरों में बल्लेबाज बड़ी पारियां खेल सकते हैं.
- लक्ष्य का पीछा करना इस मैदान पर आसान होता है.
टी20 मैचों में:
- यह स्टेडियम हाई-स्कोरिंग मुकाबलों के लिए मशहूर है.
- पावरप्ले के ओवरों में बल्लेबाज आक्रामक रुख अपनाते हैं.
- स्पिनर्स को धीमी गेंद और वैरिएशन का सहारा लेना पड़ता है.
- 200+ स्कोर भी यहां कई बार चेज़ किया गया है.
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के रेकॉर्ड्स
एम चिन्नास्वामी बेंगलुरू पर हुए सभी मैच के रिकार्ड कुछ इस प्रकार है –
आँकड़े | आईपीएल | टी20 | वनडे | टेस्ट |
कुल मैच | 99 | 18 | 46 | 26 |
पहले बल्लेबाजी करते हुए जीता | 43 | 7 | 18 | 10 |
पहले गेंदबाजी करते हुए जीता | 53 | 9 | 24 | 6 |
औसत पहली पारी | 173 | 141 | 241 | 354 & 304 |
औसत दूसरी पारी | 154 | 136 | 216 | 308 & 170 |
अधिकतम स्कोर | 287/3(20 Ov) by SRH vs RCB | 202/6 (20 Ov) by IND vs ENG | 401/6 (50 Ov) by NZ vs PAK | 626/10 (150.2 Ov) by IND vs PAK |
न्यूनतम स्कोर | 82/10 (15.1 Ov) by RCB vs KKR | 99/10 (19.3 Ov) by RSAW vs NZW | 114/10 (38.5 Ov) by INDW vs RSAW | 46/10 (31.2 Ovs) By IND vs NZ |
अंत में
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरू के मैदान में मैच देखने का अनुभव कमाल का रहता है. यहां पर मैच देखने आने वाला क्राउड बहुत ही ऊर्जावान होता है. साथ ही इस मैदान पर हमने कई रिकॉर्ड्स बनते व टूटते देखे है. यहां पर हमने रोहित शर्मा को वनडे मैच में 209 रन बनाते देखा है. आईपीएल का सबसे बड़ा स्कोर भी इसी मैदान पर बना था. जबकि वनडे में यहां पर 400 से अधिक रन भी पहले बने हुए है.